Friday, June 11, 2010

ऐसा पहली बार हुआ है (DDLJ)

ऐसा पहली बार हुआ है
सत्रह अठारह सालो में
अनदेखा अनजाना कोई

आने लगा खयालो में
आँखों की खिड़की पर
एक साया सा लहराता है
दिल के दरवाज़े पर
कोई दस्तक देकर जाता है

गहरी गहरी काली आँखें
मुझसे मुझको पूछती है
हाथों की रेखओमें
एक चेहरा सा बन जाता है

उसकी सासें रेशम जैसी
गालो को छु जाती है
उसकी हाथों की खुशबू है
अब तक मेरे बालों में

हाँ! ऐसा पहली बार हुआ है
सत्रह अठारह सालो में
अनदेखा अनजाना कोई
आने लगा खयालो में

1 comment:

Piya said...

Koi pasand aaya ? :)